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 Nepali dream - A true wish, must read
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Posted on 01-31-07 11:39 PM     Reply [Subscribe]
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काश मेरा यह ख़्वाब पूरा हो जाए....


चलावने का सपना है कि किताबों का सच उसके गाँव में भी पूरा हो जाए
नेपाल के एक दूरदराज गाँव में रहने वाले सोलह वर्षीय अनकालाल चलावने का जैसे कोई ख़्वाब पूरा हो गया. यह ख़्वाब पूरा होना ही तो कहा जाएगा कि उसे सोलह वर्ष की उम्र तक पहुँचने तक अपने गाँव से बाहर निकलने का मौक़ा नहीं मिला था, कार में सवारी करना तो दूर की बात है, उसने साईकिल और टेलीफ़ोन भी नहीं देखे थे लेकिन बीबीसी की नज़र उस पर पड़ गई.
बीबीसी की नेपाली सेवा ने एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया था और नेपाल के पश्चिमोत्तर हिस्से में रहने वाले अनकालाल चलावने को इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ और बस जैसे उसका एक ख़्वाब पूरा हो गया.

यह निबंध रेडियो के लिए रिकॉर्ड कराने के वास्ते जब अनकालाल चलावने नेपालगंज पहुँचा तो उसने कार भी देखीं, साइकिल भी और टेलीफ़ोन भी. यह अनकालाल चलावने का निबंध जिसने उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है...

मैं डोल्पा ज़िले के एक बहुत दूरदराज के गाँव स्थित अपने स्कूल की ख़ूबसूरत और प्राकृतिक छटाओं में समय गुज़ारते हुए पिछले क़रीब दस साल से ख़ुद का विकास करने की कोशिश कर रहा हूँ. साथ ही यह सपना भी देखते नहीं थकता कि अपने समाज और देश के लिए मैं कुछ अच्छा कर सकूँ.

लेकिन मैं जितनी भी कोशिश करूँ, कोई राह या ख़ुशहाली और उम्मीद नज़र नहीं आती है. जूनियर कक्षाओं से ही मुझे सपने देखने की आदत सी हो गई. अपनी किताबों में ऊँची-ऊँची इमारतों, अस्पतालों, टेलीफ़ोन, कंप्यूटर, बसों और रेलगाड़ियों के बारे में पढ़कर मेरे अंदर भी सपने जागने लगे, उन्हें देखने के लिए.

मैं अपने टीचर से पूछता, "हमारे भी गाँव और स्कूल में ऐसी सुविधाएँ क्यों नहीं हो सकती हैं?" टीचर मुस्कुराकर कहते, "एक दिन हमारे ये सपने ज़रूर पूरे होंगे. इन सभी चीज़ों को भी आख़िरकार इंसान ने ही बनाया है."

न जाने क्यों लगातार यह उम्मीद और भरोसा बढ़ता रहा कि जो दुनिया के दूसरे हिस्सों में आसानी से मुहैया ये बुनियादी सुविधाएँ एक दिन हमारे गाँव में भी पहुँचेंगी.

सपनों की दुनिया

लेकिन न जाने क्यों, मुझे लगता है कि यह इंतज़ार बहुत लंबा होने वाला है. इसलिए मैंने फिर से सोचना शुरू कर दिया है... "काश मेरी इच्छाएँ पूरी हो जाएँ तो कितना ही अच्छा हो."


आँख खुलती है तो...
लेकिन जब मेरी नींद टूटती है तो ख़ुद को अपने बिस्तर में पाता हूँ, और बस उदासी का सिलसिला शुरू हो जाता है. क्या ये आधुनिक सुविधाएँ मेरे लिए सिर्फ़ किताबों में ही सीमित रहेंगी या फिर... नहीं यह नहीं हो सकता. दुनिया के वैज्ञानिकों और विद्वानों की तरह ही मैं भी कुछ अलग करना चाहता हूँ...


अनकालाल चलावने

सपनों में ही मैं कभी-कभी राजधानी काठमाँडू पहुँच जाता हूँ, कभी-कभी बस की यात्रा भी कर लेता हूँ और सपनों में ही सही, कभी-कभी हवाई जहाज़ की सैर भी हो जाती है.

कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करने का सपना भी देखता हूँ और कभी-कभी तो मैं ख़ुद को चाँद पर चहलक़दमी करते हुए भी पाता हूँ, सपने में ही.

लेकिन जब मेरी नींद टूटती है तो ख़ुद को अपने बिस्तर में पाता हूँ, और बस उदासी का सिलसिला शुरू हो जाता है. क्या ये आधुनिक सुविधाएँ मेरे लिए सिर्फ़ किताबों में ही सीमित रहेंगी या फिर... नहीं यह नहीं हो सकता. दुनिया के वैज्ञानिकों और विद्वानों की तरह ही मैं भी कुछ अलग करना चाहता हूँ.

और वैसे भी ग्राहम बेल का टेलीफ़ोन, जेम्स वॉट का रेल इंजन, राइट भाइयों के हवाई जहाज़ और इसी तरह के आधुनिक आविष्कार ही तो सारी दुनिया नहीं हैं. जब हम इस तरह के रचनात्कम विश्व में प्रतिस्पर्धा में शामिल होते हैं तो हम न चाहते हुए भी एक तरह के टकराव और हिंसा के माहौल में पहुँच जाते हैं.

हिंसा का अंत

अगर मेरी इच्छाएँ पूरी होती हैं तो मैं हिंसा की हर वजह को ख़त्म कर दूँगा और मौत को भी सीमित कर दूँगा. दोस्ती और एकजुटता का हाथ मिलाते हुए हम समान विकास की दुनिया की तरफ़ बढ़ेंगे. जो कारें आज राजधानी काठमाँडू की सड़कों पर दौड़ती हैं वे डोल्पा की चिकनी सड़कों पर भी दोड़ती नज़र आएंगी.

तब सिर्फ़ हेलीकॉप्टर या छोटे विमान ही क्यों, बड़े हवाई जहाज़ भी मेरे गाँव के ख़ूबसूरत खेतों में उतरते नज़र आएंगे. और तब इंटरनेट पर चैट करते हुए मैं अपने दोस्त मिस्टर जोन्स को डोल्पा के बारे में बताउंगा, जो ब्रिटेन के किसी कॉलेज में पढ़ते होंगे. दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को डोल्पा की ख़ूबसूरती दिखाने वाली फ़िल्म करावाँ ज़रूर देखनी चाहिए. (करावाँ को 2000 में ऑस्कर के लिए मनोनीत किया गया था)

इन पहाड़ी चोटियों, नदी और उनके तटों और मैदानी इलाक़ों को केबल कार के ज़रिए जोड़ना होगा और यहाँ पर सभी आधुनिक सुविधाएँ होंगी.

काश मेरी यह ख़्वाहिश पूरी हो सके कि मेरा देश शंगरी-ला के रूप में मशहूर हो.
 
Posted on 02-01-07 10:22 AM     Reply [Subscribe]
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nepali dream re.. why is it in Hindi? I can't read Hindi.. I could.. but it would take me forever, so I am not going to
 
Posted on 02-01-07 11:19 AM     Reply [Subscribe]
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It is posted in BBC hindi section and that is why it is in Hindi. I wish it was also posted in Nepali section. It is a very touching dream of that Dolpali student.
 
Posted on 02-01-07 11:44 AM     Reply [Subscribe]
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Dear Elpida,
you said nepali dream re..kina hindi ma...
well don't you know nepali dream can be in 80 different languages. We nepali have more than 80 languages..so we can dream in any of those 80 languages. It just that we were never sensitise on such things and now when we can we still choose to remain oblivious...
I used to think almost the same way you did in this matter... and one of my friend (Anil Ghimire) made me aware of it. Now i have different perspective...hope you'll have it too .
learning to love everyone and to appreciate differences in Nepal and elsewhere,
me!!!
 
Posted on 02-01-07 11:51 AM     Reply [Subscribe]
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You can find the English version here:

'If only my wishes came true...'
Ankalal Chalaune, 16, had not left his remote village in north-west Nepal until a recent essay won a prize in a competition organised by the BBC Nepali service.

He had not seen a bicycle, a car or a telephone until he travelled to the region's main town, Nepalgunj, to record the essay below for radio.




From the pleasant surroundings of my school in Nepal's very remote district of Dolpa, I have been trying to develop myself for nearly 10 years, constantly dreaming of doing something good for my society and country.

But however hard I try, neither progress nor prosperity is in sight.

From junior classes, I used to weave a lot of dreams.

I was enchanted by all those descriptions of high-rise buildings, hospitals, telephones, computers, buses and railways in the textbooks.

"Why doesn't our village and school have those facilities?" I used to ask my teacher.

"One day your dream will come true," he would say with a smile. "All these things are, after all, the creation of human beings."

The assurance that these basic human necessities in other parts of the world would one day reach my remote locality was uplifting.

Dreams

However, I somehow feel that the wait is going to be far too long.


Like the world's scientists and scholars, I, too, want to create

Therefore, I begin to think again. "If only my wishes came true, how nice it would be!"

Sometimes, I reach the capital - Kathmandu - in my dream - sometimes I travel in the bus and sometimes in an aeroplane.

I also dream of using the computer and the internet, and sometimes I even find myself having a stroll on the Moon.

But when I wake up in the morning and find myself in bed, I feel sad.

Will all those modern amenities remain only in the books for me? No, it does not have to be that way.

Like the world's scientists and scholars, I, too, want to create.

More so because Graham Bell's telephone, James Watt's railway, the Wright Brothers' aeroplane and all those other modern creations could never ever become the whole world's.

Yet at a time when we need to compete with the world in such constructive areas, we are unwittingly engaged in violence and confrontation.

End the violence

If only my wishes came true, I would uproot the entire cause of violence and consign it to death forever.

Then joining our hands in friendship and unity, we would proceed ahead in the path of equitable development.

The cars monopolised by the streets of Kathmandu and Pokhara would then start running on smooth roads in Dolpa.

Why only helicopters and Twin Otters? Avros [local name for a kind of medium-sized aircraft] and jets would then land on the beautiful fields of my village.

And then in internet chats, I would describe Dolpa to my friend, Mr Jones, studying in some college in Britain.

Anyone living in any corner of the world should be able to experience the beauty of Caravan [a film featuring Dolpa, which was nominated for an Oscar in 2000].

These hills and peaks, river banks and plains should be connected with cable cars and contain modern facilities.

The Edmund Hillaries and Sherpa Tenzings would then travel through the fields of Dolpa and its underground rail before climbing Everest.

If my wishes were to come true, my country should truly be known as "Shangri-La".

Translated by Rabindra Mishra, BBC Nepali service.

http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/6309475.stm
 
Posted on 02-01-07 11:52 AM     Reply [Subscribe]
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Dear mimangsu,

I am aware of our language diversity in Nepal. But Alas, I was only taught to write in Nepali and English in school. When I visit sites like sajha, I prefer to see forums in either nepali or english so that it's easier for me to read. But since Dalli explained to me that it was posted in BBC hindi section, I apologize for making such comments before. Thank you, Dalli.

Have a good day!
 
Posted on 02-01-07 11:56 AM     Reply [Subscribe]
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नेपालीमा पनि छ। In fact you can even listen to it.

http://www.bbc.co.uk/nepali/news/story/2006/10/061021_generationnext.shtml

अंकलाल चलाउने

दुर्गम हिमाली जिल्ला डोल्पाको एउटा विकट गाउं लाहां, फुल्चींगका बासिन्दा अंकलाल चलाउने डोल्पाकै लिकुस्थित जनप्रभा उच्च माध्यमिक विद्यालयमा कक्षा १० मा अध्ययनरत छन्।

अंकलालको घरबाट विद्यालयसम्म पुग्न एक दिन हिंड्नु पर्छ त्यसैले उनी आफ्ना अध्यापकहरूलाई खाना पकाउने काम गरेर उनीहरूकै साथ विद्यालय नजीक बस्ने गर्छन्। अंकलालको बाहिरी विश्वको ज्ञान र जानकारीको स्रोत पुस्तकहरु र शिक्षकको घरमा रहेको रेडीयो र टेलिभिजन मात्रै हो।

निबन्ध रेकर्ड गराउन अंकलाल विद्यालयबाट एकदिनको बाटो हिंडेर सदरमुकाम दुनै आई जीवन मैं पहिलो पल्ट हवाईजहाज चढेर नेपालगञ्ज पुगेका थिए। त्यसअघि उनले शहर बजार देखेका थिएनन्। नेपालगञ्जमा नै उनले सबभन्दा पहिले साइकल र मोटरगाडी देखे, टेलिफोनमा कुराकानी गरे र शहरी जीवनको झलक पाए।
 
Posted on 02-01-07 2:04 PM     Reply [Subscribe]
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"Ankalal Chalaune" - Read it as who one performs ankalal. After several readings figured out it's the name of a person! Duh, void at it's optimum! :-)

Galaab, thanks for the English version! :-)
 
Posted on 02-01-07 2:08 PM     Reply [Subscribe]
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Thanks Nepal Hero and Galaab. Fascinating write-up.

Hey Flips! How's it going? Long time no see! Hope all is well.
 
Posted on 02-01-07 2:59 PM     Reply [Subscribe]
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Hey Captain_Haddock, glad to see you here as always! I could only go through halfway (Hindi Version) and continued the English version.

Have a good one! :-)
 
Posted on 02-20-07 6:04 AM     Reply [Subscribe]
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Thank you Captain Haddock.

I read this story in BBC and thought to let it know guys outthere who are living with the PEPSI Generation.
To those who have questions about language. let me put it this way:

How do u laugh in English
How do u laugh in Nepali, or Hidi or French, Can you tell a laughing person in which language he/she is laughing?

Regarding this perticular case, i wrote it stating Its "DREAM" and could be any language.
 


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